हर साल की तरह इस साल भी विश्व ओज़ोन दिवस (World Ozone Day)16 सितंबर को मनाया जा रहा है। ओजोन परत पृथ्वी का सुरक्षा कवच माना जाता है। लेकिन पृथ्वी पर बढ़ रहे प्रदूषण के कारण इस परत की मोटाई घटती जा रही है। इस दिवस को मनाने की यही वजह है कि ओजोन लेयर के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सके, साथ ही इसे बचाने के लिए समाधान निकाले जा सके। उल्लेखनीय है कि ओजोन अणुओं की एक लेयर ही ओजोन परत है, जो 10 से 50 किलोमीटर के बीच के वायुमंडल में पाई जाती है। सूर्य की हानिकारक अल्ट्रावायलेट किरणों से ओजोन परत पृथ्वी को बचाती है। विदित हो कि अगर यही अल्ट्रावायलेट किरणें सीधे धरती पर पहुंच जाए तो मनुष्य, पेड़-पौधों और जानवरों के लिए ये स्थिति काफी गंभीर हो सकती है। ऐसे में ओजोन परत का संरक्षण बेहद जरूरी है।
विश्व ओज़ोन दिवस 2021 का विषय
इस वर्ष 2021 मे विश्व ओज़ोन दिवस का विषय है -'मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल - हमें, हमारे भोजन और टीकों को ठंडा रखना'(Keeping us, Our Food, and Vaccines Cool)। इस साल की थीम को 197 देशों के द्वारा मंजूरी दी गई है। वहीं वर्ष 2020 का विषय था - 'ओजोन फॉर लाइफ' यानी धरती पर जीवन के लिए इसका होना जरूरी है।
विश्व ओज़ोन दिवस से संबन्धित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
वर्ष 1994 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने वर्ष 1987 में 16 सितंबर के दिन मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल (Montreal Protocol) पर हस्ताक्षर किये जाने के उपलक्ष्य में विश्व ओज़ोन दिवस मनाने की घोषणा की थी। 19 दिसंबर, 1994 को 16 सितंबर को ओजोन परत के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय दिवस घोषित किया गया। पहली बार विश्व ओजोन दिवस 16 सितंबर 1995 को मनाया गया।
मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल ने रेफ्रिजरेटर, एयर-कंडीशनर और कई अन्य उत्पादों में 99% ओज़ोन-क्षयकारी रसायनों को चरणबद्ध तरीके से समाप्त कर दिया है।
वर्ष 2018 में किया गया ओज़ोन क्षरण का नवीनतम वैज्ञानिक आकलन दर्शाता है कि वर्ष 2000 के बाद से ओज़ोन परत के कुछ हिस्सों में प्रति दशक 1-3% की दर से सुधार हुआ है।
ओज़ोन परत संरक्षण प्रयासों ने वर्ष 1990 से 2010 तक अनुमानित 135 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड समकक्ष उत्सर्जन को रोककर जलवायु परिवर्तन के खिलाफ लड़ाई में योगदान दिया है।
सितंबर 2009 में वियना कन्वेंशन और मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल सार्वभौमिक अनुसमर्थन प्राप्त करने के लिये संयुक्त राष्ट्र के इतिहास में पहली संधियाँ बन गईं।
वर्ष 1985 में वियना कन्वेंशन में ओज़ोन परत की रक्षा के लिये कार्रवाई करने हेतु सहयोग के लिये एक तंत्र की स्थापना को औपचारिक रूप दिया गया था।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने हाइड्रोफ्लोरोकार्बन (HFC) के उपयोग को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने के लिये ओज़ोन क्षयकारी पदार्थों से संबंधित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के तहत किये गए किगाली संशोधन के अनुसमर्थन को स्वीकृति दे दी है। इस संशोधन को अक्तूबर 2016 में रवांडा के किगाली में आयोजित मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल के पक्षकारों की 28वीं बैठक के दौरान अंगीकृत किया गया था।
हाल ही में भारत सरकार ने मॉन्ट्रियल प्रोटोकॉल में किगाली संशोधन के अनुसमर्थन को मंज़ूरी दी।