46.अप्रत्यक्ष कर :वह कर जिसमे कर स्थापितकर्ता (सरकार) और भुगतानकर्ता के बीच प्रत्यक्ष सम्बन्ध नहीं होता है अर्थात जिस व्यक्ति/संस्था पर कर लगाया जाता है उसे किसी अन्य तरीके से प्राप्त किया जाता है। |
47.राजस्व घाटा :सरकार को प्राप्त कुल राजस्व एवं सरकार द्वारा व्यय किये गए कुल राजस्व का अंतर ही राजस्व घाटा है। |
48.राजकोषीय घाटा :सरकार के लिए कुल प्राप्त राजस्व, अनुदान और गैर-पूंजीगत प्राप्तियों कि तुलना होने वाले कुल व्यय का अतिरेक है अर्थात आय(प्राप्तियों) के सन्दर्भ में व्यय कितना अधिक है। |
49.सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) :एक वर्ष में किसी देश की सीमा के भीतर उत्पादित वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को सकल घरेलू उत्पाद कहते हैं।I |
50.शिशु मृत्यु दर (Infant Mortality Rate) :यह किसी खास वर्ष में, उस वर्ष जन्म लेने वाले प्रति 1,000 जीवित शिशुओं में से, एक वर्ष की उम्र से छोटे बच्चों की मृत्यु की संख्या को गिना जाता है। |
51.मुद्रास्फीति (Inflation) :वस्तुओं और सेवाओं के मूल्यों में लगातार होने वाली बृद्धि को मुद्रास्फीति कहते हैं। |
52.घरेलू अर्थव्यवस्था का एकीकरण (Integration of Domestic Economy) :एक स्थिति जिसमें सरकार की नीतियां के माध्यम से घरेलू अर्थव्यवस्था को विश्व की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के साथ मुक्त व्यापार और निवेश के लिए जोड़ा जाता है ।I |
53.जन्म (वर्ष) के समय जीवन प्रत्याशा (Life Expectancy at Birth (years) :इसमें इस बात की गणना की जाती है कि जन्म के समय से कितने वर्षों तक एक नवजात शिशु जीवित रहेगा ।I |
54.मातृ मृत्यु दर (Maternal Mortality Rate) :जन्म देने वाली प्रति 10,0000 महिलाओं में से मरने वाली महिलाओं की संख्या को मातृ मृत्युदर अनुपात के रूप में परिभाषित किया जाता है। |
55.मृत्यु दर (mortality) :यह प्रति 1,000 व्यक्तियों पर होने वाली मृत्यु (किसी बीमारी या सामान्य परिस्थिति में) की सालाना संख्या होती है। |
56.एमआरटीपी एक्ट (MRTP Act) :इस कानून का मुख्य उद्येश्य कुछ लोगो के हाथ में आर्थिक शक्तियों के केन्द्रीकरण को रोकना था। इसे 1969 लागू किया गया था। इसे एकाधिकार और प्रतिबंधात्मक व्यापार व्यवहार अधिनियम भी कहते हैं I |
57.राष्ट्रीय उत्पाद/ आय (National Product/Income) :एक देश में उत्पादित होने वाली वस्तुओँ और सेवाओं का कुल मान के साथ– साथ उस देश को विदेश से होने वाली आमदनी को राष्ट्रीय उत्पाद/ आय कहते हैं । |
58.प्रति व्यक्ति आय (Per Capita Income) :अवधि विशेष में एक देश की जनसंख्या से विभाजित उसकी कुल राष्ट्रीय आमदनी। |
59.रेपो रेट ;बैंक को अपनी जरूरत या रोजमर्रा के कामकाज के लिए काफी रकम की जरूरत पड़ती है. इसके लिए बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से कर्ज लेते हैं. बैंक इस लोन पर रिजर्व बैंक को जिस दर ब्याज चुकाते हैं, उसे रेपो रेट कहते हैं.। |
60.रिवर्स रेपो रेट (REVERSE REPO RATE) :देश में कामकाज कर रहे बैंकों के पास जब दिन-भर के कामकाज के बाद रकम बची रह जाती है, तो उस रकम को भारतीय रिजर्व बैंक में रख देते हैं. इस रकम पर आरबीआई उन्हें ब्याज देता है. भारतीय रिजर्व बैंक इस रकम पर जिस दर से बैंकों को ब्याज देता है, उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं. |
61.नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) :भारत में कामकाज कर रहे बैंकों के लिए कुछ दिशा निर्देश बनाए गए हैं. ये नियम रिजर्व बैंक ने बनाये हैं. बैंकिंग नियमों के तहत हर बैंक को अपने कुल कैश रिजर्व का एक निश्चित हिस्सा रिजर्व बैंक के पास रखना ही होता है. इसे कैश रिजर्व रेश्यो अथवा नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर) कहते हैं. |
62.एसएलआर (SLR) :रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में नकदी की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए जिन उपायों का सहारा लेता है उनमें एसएलआर एक महत्वपूर्ण उपाय है. स्टेचुअरी लिक्विडिटी रेश्यो या वैधानिक तरलता अनुपात बैंकों के पास उपलब्ध जमा का वह हिस्सा होता है, जोकि उन्हें अपनी जमा पर लोन जारी करने के पहले अपने पास रख लेना जरूरी होता है. एसएलआर नकदी, स्वर्ण भंडार, सरकारी प्रतिभूतियों जैसे किसी भी रूप में हो सकता है. |
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