| क्रम संख्या | लोकोक्ति | अर्थ |
| 240 | न ऊधो का लेना न माधो का देना | किसी से कोई सम्बन्ध न रखना |
| 241 | न घर का रहना न घाट का | बिल्कुल असहाय होना |
| 242 | न तीन में न तेरह में | जिसकी कोई गिनती न हो |
| 243 | न देने के नौ बहाने | न देने के बहुतसे बहाने |
| 244 | न नामलेवा न पानी देवा | जिसका संसार में कोई न हो |
| 245 | न नौ मन तेल होगा न राधा नाचेगी | असंभव शर्ते रखना |
| 246 | न रहेगा बाँस न बजेगी बाँसुरी | झगड़े की जड़ को नष्ट कर देना |
| 247 | न लेना एक न देना दो | कोई संबंध न रखना |
| 248 | नंग बड़े परमेश्वर से | ईश्वर की बजाए निर्लज्ज से डर कर रहना चाहिए |
| 249 | नंगा क्या पहनेगा क्या निचोड़ेगा | एक दरिद्र किसी को क्या दे सकता है। |
| 250 | नक्कारखाने में तूती की आवाज | सुनवाई न होना |
| 251 | नदी में रहकर मगर से वैर | जिसके अधिकार में रहना उसी से वैर करना |
| 252 | नया नौ दिन पुराना सौ दिन | नई चीजों की अपेक्षा पुरानी चीजों का अधिक महत्व होता है। |
| 253 | नाच कूदे तोड़े तान ताको दुनिया राखे मान | आडम्बर दिखानेवाला मान पाता है। |
| 254 | नाच न जाने आँगन टेढ़ | काम न जानना और बहाना बनाना |
| 255 | नादान की दोस्ती जी का जंजाल | मूर्ख की मित्रता बड़ी नुकसानदायक होती है। |
| 256 | नानी के आगे ननिहाल की बातें | अपने से अधिक जानकारी रखने वाले के सामने जानकारी की शेखी बघारना |
| 257 | नाम बड़ा और दर्शन छोटे | नाम बहुत हो परन्तु गुण कम या बिल्कुल नहीं हों |
| 258 | नित्य कुआँ खोदना नित्य पानी पीना | प्रतिदिन काम करके पेट भरना |
| 259 | निन्यानवे के फेर में पड़ना | धनसंग्रह की धुन समाना |
| 260 | नीम हकीम खतरे जान | अयोग्य से हानि |
| 261 | नेकी और पूछपूछ | भलाई करने में संकोच कैसा |
| 262 | नेकी कर दरिया में डाल | उपकार करते समय बदले की भावना नहीं रखनी चाहिए |
| 263 | नौ की लकड़ी नब्बे खर्च | काम साधारण खर्च अधिक |
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