कोविड-19 महामारी से खुद भी सुरक्षित रहें दूसरों को भी सुरक्षित करें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें naukaripao.com के साथ घर पर बैठे बैठे विभिन्न सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करें।
उत्तर प्रदेश संघ लोक सेवा आयोग द्वारा जारी 2021 मे आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं का कलेंडर जारी कर दिया है देखने के लिए क्लिक करें।
UNION PUBLIC SERVICE COMMISSION REVISED PROGRAMME OF EXAMINATIONS/RECRUITMENT TESTS (RTs) - 2021 देखने के लिए क्लिक करें।

लोकोक्तियाँ और उनके अर्थ

क्रम संख्या लोकोक्ति  अर्थ
384 लोहे को लोहा ही काटता है दुष्ट का नाश दुष्ट ही करता है।
385 वक्त पड़े बांका तो गधे को कहै काका विपत्ति पड़ने पर हमें कभीकभी छोटे लोगों की भी खुशामद करनी पड़ती है।
386 वह दिन गए जब खलील खां फाख्ता उड़ाते थे आनन्द अथवा उत्कर्ष का समय समाप्त होना
387 वहम की दवा तो हकीम लुकमान के पास भी नहीं है बुद्धिमान से बुद्धिमान मनुष्य भी शक्की आदमी को ठीक नहीं कर सकता
388 वही ढाक के तीन पात जब किसी की अवस्था ज्यों की त्यों बनी रहे उसमें कोई सुधार न हो
389 विनाशकाले विपरीत बुद्धि विपत्ति पड़ने पर बुद्धि का काम न करना
390 विपत्ति कभी अकेली नहीं आती मनुष्य के ऊपर विपत्तियाँ एक साथ आती हैं।
391 विपत्ति परे पै जानिए को बैरी को मीत संकट के समय ही मित्र और शत्रु की पहचान होती है

392 विष की कीड़ा विष ही में सुख मानता है बुरे को बुराई और पापी को पाप ही अच्छा लगता है।
393 शक़्कर खोरे को शक़्कर और मूँजी को टक्कर जो जिस योग्य होता है उसे वैसा ही मिल जाता है
394 शठे शाठ्यमाचरेत् दुष्टों के साथ दुष्टता का ही व्यवहार करना चाहिए
395 शर्म की बहू नित भूखी मरे जो खानेपीने में शर्माता है वह भूखा मरता है।
396 शुभस्य शीघ्रम् शुभ काम को जल्द कर लेना चाहिए
397 शेर का बच्चा शेर ही होता है वीर व्यक्ति का पुत्र वीर ही होता है।
398 शेर भूखा रहता है पर घास नहीं खाता सज्जन लोग कष्ट पड़ने पर भी नीच कर्म नहीं करते
399 संतोषी सदा सुखी संतोष रखने वाला व्यक्ति सदा सुखी रहता है।

400 सच्चे का बोलबाला झूठे का मुँह काला सच्चे आदमी को सदा यश और झूठे को अपयश मिलता है।
401 सत्तर या नौ सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली जब कोई पूरे जीवन पाप करके पीछे पुण्य करने लगता है।
402 सब एक ही थैली के चट्टेबट्टे हैं एक पिता के पुत्र या मित्र आदि की राय एकसी होना
403 सब दिन रहत न एक समाना हमेशा एकसी स्थिति नहीं रहती
404 सब धन बाईस पसेरी अच्छेबुरे सबको एक समझना
405 सबसे भली चुप चुप रहना अच्छा होता है।
406 सबसे भले मूसलचंद करें न खेती भरें न दंड मुफ्तखोर लोग सबसे मजे में रहते हैं क्योंकि उन्हें किसी बात की चिन्ता नहीं रहती
407 सब्र का फल मीठा होता है सब्र करने से बहुत लाभ होता है।
« Previous Page Next Page »