| क्रम संख्या | लोकोक्ति | अर्थ |
| 48 | उल्टा चोर कोतवाल को डाँटे | अपराधी निरपराध को डाँटेे |
| 49 | उल्टे बांस बरेली को | जहाँ जिस वस्तु की आवश्यकता न हो उसे वहां ले जाना |
| 50 | उसी का जूता उसी का सिर | किसी को उसी की युक्ति या चाल से बेवकूफ बनाना |
| 51 | ऊँची दुकान फीके पकवान | जिसका नाम अधिक हो पर गुण कम हो |
| 52 | ऊँचे चढ़ के देखा तो घरघर एकै लेखा | सभी एक समान |
| 53 | ऊँट किस करवट बैठता है | किसकी जीत होती है। |
| 54 | ऊँट के मुँह में जीरा | जरूरत के अनुसार चीज न होना |
| 55 | ऊँट बहे और गदहा पूछे कितना पानी | जहाँ बड़ों का ठिकाना नहीं वहाँ छोटों का क्या कहना |
| 56 | ऊधो का लेना न माधो का देना | केवल अपने काम से काम रखना |
| 57 | ऊपरऊपर बाबाजी भीतर दगाबाजी | बाहर से अच्छा भीतर से बुरा |
| 58 | एक अकेला दो ग्यारह | संगठन में शक्ति होती है |
| 59 | एक अनार सौ बीमार | जिस चीज के बहुत चाहने वाले हों |
| 60 | एक तंदुरुस्ती हजार नियामत | स्वास्थ्य ही सबसे बड़ा धन है |
| 61 | एक तो करेला दूजे नीम चढ़ा | कुटिल स्वभाव वाले मनुष्य बुरी संगत में पड़ कर और बिगड़ जाते है। |
| 62 | एक तो चोरी दूसरे सीनाज़ोरी | गलत काम करके आँख दिखाना |
| 63 | एक पन्थ दो काज | एक काम से दूसरा काम हो जाना |
| 64 | एक मछली सारे तालाब को गंदा कर देती है | एक खराब चीज सारी चीजों को खराब कर देती है। |
| 65 | एक म्यान में दो तलवारें नहीं रह सकतीं | एक वस्तु के दो समान अधिकारी नहीं हो सकते |
| 66 | एक हाथ से ताली नहीं बजती | झगड़ा एक ओर से नहीं होता। |
| 67 | एक ही थैली के चट्टेबट्टे | एक ही प्रवृत्ति के लोग |
| 68 | एकै साधे सब सधे सब साधे सब जाय | किसी कार्य को संपन्न कराने के लिए किसी एक समर्थ व्यक्ति का सहारा लेना अच्छा है बजाए अनेक लोगों के पीछे भागना के |
| 69 | ऐरागैरा नत्थू खैरा | मामूली आदमी |
| 70 | ऐरे गैरे पंच कल्याण | ऐसे लोग जिनके कहीं कोई इज्जत न हो |
| 71 | 'ऐसो को प्रकट्यो जगमाँही प्रभुता पाय जाहि मदनाहीं' | जिसके पास धनसंपत्ति होती है वह अहंकारी होता है |
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